(आकाशीय पिंड) मन्दाकिनी ,सूर्य ,निहारिका ,ग्रह ,उपग्रह ,क्षुद्र ग्रह और एरावत akashiy pind kshudra grah mandakini niharika in hindi
आकाशीय पिंड (Celestial Bodies)
मंदाकिनी (Galaxy)-
👉तारों के विशाल समूह को मंदाकिनी कहते हैं । एक मंदाकिनी में अरबों तारें होते हैं ।
ब्रह्मांड मे करोड़ों मंदाकिनियों हैं ।
👉हमारी पृथ्वी और सूर्य की मंदाकिनी को दुग्ध मेखला अथवा आकाश गंगा (Milky Way) कहते हैं ।
आकाश गंगा का 80% भाग सर्पीला है ।
👉आकाशगंगा को रात में देखा जा सकता है ,यह उत्तर से दक्षिण दिशा में एक बहती हुई नदी की तरह दिखाई देती है ।
👉हमारी आकाशगंगा के समीप वाली एक अन्य मंदाकिनी देवयानी (Andromeda) है ।
👉एक नया मंदाकिनी की खोज हुई है, जिसका नाम है - ड्वार्क मंदाकिनी
👉तारे के समूह को यूरोप में मिल्की -वे (Milky Way)
, यूनान में गैलेक्सी (Galaxy) और भारत मेंआकाशगंगा अथवा मंदाकिनी कहा जाता है ।
सूर्य(Sun)
पृथ्वी के सबसे निकट का तारा सूर्य है । सूर्य के बाद दूसरा निकट का तारा ''प्रोक्सिमा सेंचुरी'' है ,इसकी दूरी पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष है ।सौरमंडल में सर्वाधिक चमकीला तारा साइरस है , इसे डॉग (Dog Star) भी कहतें हैं । यह सूर्य से लगभग 25 गुना चमकीला , 2.35 गुना बड़ा और 543864 गुना दूर है ।
ध्रुवतारा (Polar Star)
यह तारा उत्तर दिशा में चमकता हुआ दिखाई पड़ता है । पुराने समय में नाविक रात्री के समय इसी तारा को देख कर दिशा का पता लगते थे ।
निहारिका (Nebula)
धूलकण और गैस से बना हुआ बादल जिसमें करोड़ों तारों का विशाल गुच्छा (Cluster of Star) होता है निहारिका कहलाता है । यह अत्यधिक चमकीला इसके नाभिक में अत्यधिक प्रज्वलनशील गैसें होने के कारण होता है
निहारिका (Nebula)
धूलकण और गैस से बना हुआ बादल जिसमें करोड़ों तारों का विशाल गुच्छा (Cluster of Star) होता है निहारिका कहलाता है । यह अत्यधिक चमकीला इसके नाभिक में अत्यधिक प्रज्वलनशील गैसें होने के कारण होता है
कुछ प्रमुख निहारिकाएं हैं -लाइरा ,आरियन ,विनोटीसी ,केनिस
ग्रह (Planets)
तारों की परिक्रमा करने वाली आकाशीय पिण्डो को ग्रह (Planets) कहते हैं ।
ग्रह का अपना प्रकाश नहीं होता है ,वो तारों के प्रकाश में शीशे की तरह चमकता है ।
उपग्रह(Satellite)
ग्रह की परिक्रमा करने वाले आकाशीय पिंड को उपग्रह(Satellite) कहतें हैं । इसके पास भी अपना प्रकाश नहीं होता है ।
क्षुद्र ग्रह (Asteroids)
मंगल और वृहस्पति के जैसे बड़े ग्रहों के बीच में कई छोटे-छोटे ग्रह मौजूद है , जिन्हें क्षुद्र ग्रह कहा जाता है
एरावत पथ
हमारी पृथ्वी समेत पूरा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में स्थित है एरावत पथ कहलाता है ।
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